राहु-केतु अगले दो माह में देश-दुनिया में मचाएंगे भारी उत्पात

  30 अक्टूबर को सबसे बड़ा राशि परिवर्तन, गुरु चांडाल योग से मिलेगा छुटकारा

 राहु-केतु अगले दो माह में देश-दुनिया में मचाएंगे भारी उत्पात

 नवंबर-दिसंबर में बारिश के साथ बाढ़, आंधी, तूफान, भूस्खलन, ट्रेन, हवाई दुर्घटनाओं सहित अत्याशित घटनाएं होंगी


राजकुमार सोनी

भोपाल। इस साल का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन होने जा रहा है। करीब डेढ़ साल बाद 30 अक्टूबर को शाम 4.37 बजे राहु-केतु राशि परिवर्तन करेंगे। राहु मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं, केतु तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। राहु 18 मई, 2025 तक मीन राशि में रहेंगे और केतु कन्या राशि में रहेंगे। वर्तमान समय में राहु मेष राशि और केतु तुला राशि में विराजमान हैं। राशि बदलते ही राहु-केतु नवंबर-दिसंबर में देश-दुनिया में अप्रत्याशित घटनाओं को अंजाम देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। वहीं कुछ राशियों पर चल रहे गुरु चांडाल योग का प्रभाव भी खत्म हो जाएगा। भारत की साख पूरी दुनिया में बढ़ेगी। 

ज्योतिषाचार्य पंडित रामदयाल पांडेय ने बताया कि राहु और केतु मायावी ग्रह हैं। दोनों वक्री चाल चलते हैं और एक राशि में डेढ़ साल तक रहते हैं। इसके पश्चात, एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। गुरु वक्री, शनि मार्गी, शुक्र उदय शनि से द्वितीय भाव में राहु , राहु से द्वादश स्थान पर शनि, राहु से द्वितीय भाव में बृहस्पति बृहस्पति द्वादश स्थान पर बृहस्पति शनि से नवम  स्थान पर चतुर्थ ग्रह होने से इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध, विश्व युद्ध में भी बदल सकता है। देश-विदेश में आंधी-तूफान, भूस्खलन, बाढ़, ज्वालामुखी फटने के विशेष योग बनेंगे। उत्तराखंड में फिर भारी बर्फवारी होगी।  हवाई जहाज, रेल दुर्घटनाएं, आतंकवादी दुर्घटनाएं देखने को मिलेंगी। कई प्रकार की बीमारियां गाय, भैंस बकरियां में, कई प्रकार की बीमारियां मनुष्यों में पैदा होंगी। मनुष्यों के मस्तिष्क, हार्टअटैक, लकवा, लीवर, रक्त से संबंधित बीमारियां अधिक होंगी। साधु-संतों पर लग सकते हैं आरोप: आगामी दो माह में बड़े-बड़े साधु, संत, महात्माओं पर आरोप-प्रत्यारोप लग सकते हैं। इसलिए इन सभी को राजनीतिक क्षेत्र और बयानवाजी से दूर रहना चाहिए। 

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव: भविष्यवक्ता सचिन महल्होत्रा का अनुसार मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव में राहु-केतु के राशि परिवर्तन से अत्याशित परिणाम देखने को मिलेंगे। कई राज्यों में विरोध, झगड़े, हिंसक वारदातें, आरोप-प्रत्यारोप की घटनाएं सामने आएंगी। बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं को चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। कई राज्यों में जोड़-तोड़ से सरकारें काबिज होंगी। 

भारत नई खोज करेगा, साख बढ़ेगी: 

भारत एक सामरिक शक्ति नई-नई खोज जो किसी ने आज दिन तक सोचा ही नहीं होगा भारत देश करके रहेगा, हो सकता है भारत के झंडे तले कई देश युद्ध भी कर सकते हैं भारत देश की विश्व में शक्ति बढ़ेगी, विदेशों में साख बढ़ेगी। 

दो ग्रहण का पड़ेगा असर:

जब भी दो ग्रहण एक साथ एक माह में होते हैं तो विश्व में कई प्रकार की घटनाएं घटती हैं कोई महामारी फैलती है जिस क्षेत्र में ग्रहण होता है वहां उसका असर ज्यादा दिखाई देता है।ा विश्व का तापमान संतुलन बिल्कुल बिगड़ जाएगा। विश्व युद्ध से भी इनका नहीं किया जा सकता
है और कई प्रकार की महामारियों से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। 

स्वास्थ्य का रखें विशेष ध्यान : पं. यज्ञदत्त शर्मा के अनुसार वर्तमान में राहू और गुरू ग्रह मेष राशि में है, जो परस्पर एक-दूसरे के विरोधी हैं। इसलिए मेष और तुला राशि के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना करना पड़ रहा है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राहू और केतु छाया ग्रह है। इनके कारण ही कालसर्प योग, पितृ दोष, गुरु चंडाल योग और अंगारक योग बनते हैं, जो अशुभ होते हैं।

राशि परिवर्तन का इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव : 

मेष राशि : जातकों का आर्थिक लाभ का योग है। स्वास्थ्य पर न रखें।  मिथुन राशि : वर्तमान समय में गुरु मिथुन राशि के आय भाव को देख रहे हैं। राहु के राशि परिवर्तन से जातकों को भी लाभ प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी।  कर्क राशि : जातकों को लाभ प्राप्त होगा। करियर और कारोबार में नए अवसर मिलेंगे। जीवन में ऊंचा मुकाम प्राप्त होगा। सिंह राशि : जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा। करियर में मन मुताबिक सफलता मिलेगी। अचानक से धन लाभ के योग बनेंगे।  कन्या राशि : अगर आप नौकरीपेशा है तो तमाम परेशानियां घेर सकती हैं। करीबी से खटास होने की संभावना है। मीन राशि :  करियर और कारोबार में भी मन मुताबिक सफलता मिलेगी।

राहु-केतु के प्रकोप से बचाएंगे ये ज्योतिष उपाय : 

माता दुर्गा और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। साथ ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें। इससे राहु-केतु से जुड़ी परेशानी दूर होती है।

राहु और केतु के बीज मंत्र का रोजाना जाप करें। गोमेद और लहसुनिया रत्न का दान करें। सरसों के तेल, सिक्के और 7 तरह के अनाज का दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से राहु से जुड़ी परेशानियां दूर होती है। केतु ग्रह के लिए तिल या काले कंबल का दान करें। रुद्राक्ष धारण करने से भी राहु-केतु से संबंधित अड़चने दूर होती हैं।


फैक्ट फाइल

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